नारायण पुरा पुल दुर्घटनाओं का बना मुख्य केंद्र, आये दिन घटित हो रही घटना में


0-प्रतिबर्ष तीन से चार लोग इसमें गिर कर गवां देते हैं अपनी जानें

जालौन। नारायणपुरा पुल दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा केंद्र, आए दिन दोपहिया चार पहिया वाहन नहर के पुल में गिरकर होते हैं क्षतिग्रस्त, उसमें बैठी सवारियां गंभीर रूप से घायल हो जाती है तथा कभी-कभी उनकी मृत्यु हो जाती है। इस पुल में  प्रति वर्ष तीन से चार लोगों की जाती है जानें, इसके बावजूद भी ना तो स्थानीय प्रशासन की नींद खुल रही है और ना ही पी डब्लू डी, तथा नहर विभाग की आखिर कितनी और घटनाओं के घटित होने का इन विभागों को इंतजार है। जालौन हरदोई मार्ग पर नारायणपुरा गांव के पास से निकली एक नहर पर पुल बना हुआ है जो बेतवा नहर प्रखंड के अंतर्गत आता है यह पुल टेढ़ा होने से दोनों साइडों से आने वाले वाहन चालक विस्मृत होकर नहर में गिर जाते हैं इस पुल के पास ना तो कोई संकेतक निशान लगा हुआ है और ना ही पुल पर रेलिंग बनी हुई है और ना ही पुल के दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं जिसके चलते अक्सर रात के अंधेरों में या फिर घने कोहरे में वाहन चालक इसमें गिर जाते हैं जिससे उनके बाहन तो क्षतिग्रस्त होते ही हैं तथा इस घटना से कई लोग अपनी जान भी गवा देते हैं ऐसा कोई वर्ष नहीं है जिस वर्ष तीन से चार घटनाओं में लोगों की जान ना गई हो  और गंभीर तरह से घायल होने की घटनाएं तो प्रतिमाह घटित होती रहती हैं। सोमवार की शाम को भी तकरीबन 8 बजे महाराष्ट्र नंबर की एक ईको कार इस पुल में गिर गई और वहां प्रत्यक्ष दर्शको की मांने तो  इसमें सवार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं राहगीरों ने सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचने में सहायता की है जहां उनका उपचार किया गया गंभीर हालत को देखते हुए उक्त घायलों को उच्च संस्थान रेफर किया गया है । इस पुल पर एक नहीं अनेक घटनाएं घटित हो रही हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर नहर विभाग तथा पीडब्ल्यूडी विभाग सभी कुंभकरण नींद में सोए हुए हैं, आखिर कब नहर के पुल का टेड़ापन सही होगा ,कब पुल के दोनों और संकेतक बोर्ड लगाए जाएंगे, कब पुल के ऊपर रेलिंग को ऊंचा कर लोगों को सुरक्षा की जाएगी यह सवाल इस रूट से गुजरने वालों के मन में लगातार बना हुआ है । वहीं ग्रामीण रामकिशोर, दीपू ,सुनील, रमेश, रामू, कन्हैया आदि ने स्थानीय प्रशासन सहित  नहर विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा की इतनी घटना घटित होने के बाद भी अगर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो क्या और घटनाओं का  घटित होने का इन विभागों को इंतजार है।

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