जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही'
उरई(जालौन)। गोस्वामी तुलसीदास लिख गये हैं, जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही। आप पूछेंगे कि यह बात किसके लिए याद आयी।
शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों हेतु नि:शुल्क किताबें भेजे जाने हेतु प्रतिवर्ष जिलों को लाखों रुपये की धनराशि आवंटित की जाती है। परन्तु शिख से नख तक भ्रष्टाचार में डूबे शिक्षा विभाग के अधिकारी हर मद की धनराशि को हजम करने के लिए घात लगाए बैठे रहते हैं।
शासनादेश के अनुसार विद्यालय तक पुस्तकें पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की है। इस हेतु शासन द्वारा जनपद को 8 लाख 50 हजार की धनराशि भी आवंटित की गयी है। बीएसए द्वारा भी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को पुस्तकें विद्यालय तक पहुंचाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। परंतु जालौन विकासखण्ड को छोड़कर अन्य विकासखंडों में खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शासनादेश का उल्लंघन कर पुस्तकें ब्लॉक संसाधन केंद्र या संकुल केंद्र से उठान करने के मौखिक निर्देश दबी जुबां दिए जा रहे हैं और कतिपय खण्ड शिक्षा अधिकारियों के चहेते संकुल प्रभारियों द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार में सहयोग किया जा रहा है। पीड़ित शिक्षकों ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों को इस संबंध में लिखित रूप से अवगत कराया है व सबूत के तौर पर फोटो, ऑडियो व वीडियो भी उपलब्ध कराए हैं।
विदित हो कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इससे पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा यू-डायस ऑनलाइन फीडिंग के नाम पर भी जबरन अध्यापकों पर दबाव बनाकर उनका मानसिक व आर्थिक दोहन-शोषण किया था। जिसकी शिकायत महासंघ द्वारा शासन में की गई थी व मंडलायुक्त महोदय ने उसकी जांच के आदेश दिए हैं, जांच अभी तक लंबित है। इसके बावजूद भी खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा लगातार मति-विहीन काम किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 की मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य व ब्लॉक जालौन के अध्यक्ष बृजेश श्रीवास्तव ने अवगत कराया कि प्रदेशीय इकाई द्वारा ऑनलाइन बैठकें आयोजित कर जिला व ब्लॉक इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि शासन द्वारा शिक्षा हेतु भेजे जाने वाकी धनराशि का जिला या ब्लॉक स्तर पर दुरुपयोग न हो पाए, इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की है। अगर किसी जिले या ब्लॉक में ऐसा हो रहा हो तो प्रदेशीय इकाई को पत्र बनाकर लिखित रिपोर्ट भेजें। प्रदेशीय इकाई द्वारा विभागीय मन्त्री व अधिकारियों से जिलों में हो रहे भ्रष्टाचार व शिक्षकों के शोषण की शिकायत की जाएगी व दोषियों को उचित दण्ड दिलाया जाएगा।
इस संबंध में महासंघ की जिला इकाई द्वारा पूर्व में ही जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से पुस्तकें विद्यालय तक भेजने हेतु महानिदेशक स्कूली शिक्षा के आदेश का पालन कराने का अनुरोध किया जा चुका है। जिला महामंत्री इलयास मंसूरी ने चेतावनी दी कि पुस्तकें विद्यालय तक पहुंचाने में अधिकारियों द्वारा अगर लापरवाही की जाती है तो जिला इकाई जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी शासन को शिकायत भेजेगा।
जिला संगठन मंत्री तनवीर अहमद, जिला कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, जिला सरंक्षक नरेन्द्र सिंह राजावत, मजरूल हसन, अखिलेश अवस्थी, जिला संयुक्त महामंत्री अरविन्द कुमार स्वर्णकार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपेन्द्र शर्मा, उपाध्यक्ष अयूब खान, रमाकान्त व्यास, मनोज बाथम, अजहर अंसारी, सरला कुशवाहा, मंत्री राजा सिंह यादव, इनाम उल्ला अन्सारी, रामजी नायक, राजेन्द्र सिंह यादव, संजीव गुर्जर, जिला प्रवक्ता अशोक सिंह राजावत, ऑडिटर अखिलेश कुमार खरे, संयुक्त मंत्री वेद व्यास, महेन्द्र श्रीवास्तव, ऋषि बुधौलिया, सलिल कान्त श्रीवास, सीमा सिंह, सदस्यता प्रमुख रियायत बेग, संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजदेवर आदि पदाकारियों ने जिला इकाई के निर्णय का समर्थन किया है।
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