तहसील परिसर में बनी टंकी सफेद हांथी,15बर्ष बाद भी नहीं हुई जलापूर्ति*


जालौन से बृजेश उदैनिया/आशीष द्विवेदी

जालौन।तहसील परिसर में जलापूर्ति के लिए पानी की टंकी बनायी गयी थी। इसको भरने के लिए ट्यूबवेल लगाया गया था। डेढ़ करोड़ की लागत से बनी पानी की टंकी व ट्यूबवेल से अभी तक तहसील परिसर में जलापूर्ति सुचारू नहीं हो पायी है तथा टंकी खराब भी होने लगी है।सरकारी धन खर्च होने के बाद भी इसका लाभ नही मिल पा रहा है।

तहसील के नये भवन निर्माण का निर्माण 2009 - 2011 के बीच कराया गया था। तहसील भवन के निर्माण के समय उपजिलाधिकारी के आफिस के बगल में जलापूर्ति के लिए पानी की टंकी बनायी गयी थी तथा उसको भरने के लिए ट्यूबवेल लगाया गया था। लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से पानी की टंकी व ट्यूबवेल लगाया गया था। ट्यूबवेल की बोरिंग के बाद ठेकेदार ने उसमें पम्प की मोटर नहीं डाली थी। इसके साथ टंकी को भरने के टंकी में 3 इंच के पाइप की फिटिंग की गयी थी जबकि ट्यूबवेल से टंकी भरने के मात्र डेढ़ इंच के पाइप को लगाया गया थाउ।पूरा काम न होने के बाद 2010 में तत्कालीन उपजिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने तहसील भवन को हेंडओवर कर लिया। तहसील भवन को हैंडओवर हुए 13 वर्ष बीत चुके हैं किन्तु आज तक जलापूर्ति के लिए बनी पानी की टंकी में ट्यूबवेल से पानी भर कर जलापूर्ति नहीं हो सकी। डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी तहसील में पानी की सप्लाई नलों में नहीं हो पायी है तथा ट्यूबवेल की बोरिंग में समरसेविल डाल कर काम चलाया जा रहा है। कम क्षमता की समरसेविल होने के कारण वह टंकी भरने में सक्षम नही है। पानी की टंकी से जलापूर्ति न होने के कारण हैंडपंप के सहारे काम चलाया जा रहा है। हालांकि तहसील परिसर में अभी हाल ही में ट्यूबवेल के लिए एक और वोरिंग करा दी गयी है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आई एस अधिकारी की पत्नी व कालपी की बहू डा.अपर्णा सिंह ने मिसेज यूपी का जीता खिताब

पुलिस ने जमीन के फर्जी बैनामा काण्ड में दस लोगों को गिरफ्तार किया

शिक्षक ने लूटी नाबालिग छात्रा की अस्मत