कैथ में श्री राम महायज्ञ के दूसरे भागवत कथा मे राजा पारीक्षित के श्राप की कथा


ब्रजेश उदैनिया जालौन

जालौन।  कैथ में श्रीराम महायज्ञ  आयोजन के दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा में परीक्षित की कथा अयोध्या धाम से आए कथा व्यास पंडित अनुज शास्त्री द्वारा श्रवण कराई गई । रात्रि जागरण में रामचरितमानस पर आधारित रामलीला का संजीव चित्रण 2जून से किया जायेगा। हनुमान जी मंदिर केथ में नौ दिवसीय श्री राम महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें श्रीमद् भागवत कथा के तथा प्रवचन आदि धार्मिक कथा श्रवण कराई जा रही है,कथा के दूसरे दिन कथा व्यास अनुज महाराज  ने परीक्षित कथा का वर्णन किया उन्होंने कहा कि जब द्वापर का अंत हुआ और कलयुग का आगमन हुआ तो राजा परीक्षित से कलयुग ने पूछा कि आपके रहते हुए मुझे कोई स्थान नहीं मिल रहा है तब राजा परीक्षित ने कलयुग को जुआ शराब गलत कार्यों के अलावा सोने की वस्तु पर रहने का आदेश दिया । राजा परीक्षित स्वयं सोने का मुकुट पहने थे कलयुग ने उनके ऊपर अपना प्रभाव दिखाया ,राजा परीक्षित ने एक संत का अपमान किया और तपस्या कर रहे साधु के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया, जिससे गुस्साए साधु ने उन्हें इसी शर्प से 7 दिन में राजा की मृत्यु का श्राप दे डाला । इस बात से घबराकर राजा ने सुखदेव जी की शरण ली जहां उन्हें सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराई गई। कथा के अंत में परीक्षित राम बाबू  पत्नी आशा देवी ने आरती की, तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।

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