'एक्सचेंज ऑफर' के साथ न्याय विभाग को जमीन देगी नगरपालिका
कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
* सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय भवन का होना है नया निर्माण
* दो करोड़ से होंगे सभासदों द्वारा सुझाए गए विकास और मरम्मत के कार्य
कोंच। नगरपालिका परिषद कोंच न्याय विभाग को कोर्ट और न्यायालय भवन निर्माण के लिए जमीन देने पर राजी हो गई है बशर्ते बदले में राजस्व विभाग उतनी ही जमीन पालिका क्षेत्र या निकटवर्ती किसी गांव में दे। सोमवार को संपन्न हुई पालिका बोर्ड की बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। इसके साथ ही सभासदों द्वारा सुझाए गए तमाम विकास और मरम्मत के कामों पर दो करोड़ खर्चने के भी प्रस्ताव पारित किए गए हैं। पालिका बोर्ड की बैठक सोमवार को पालिकाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता और ईओ मोनिका उमराव की मौजूदगी में संपन्न हुई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा न्याय विभाग को जमीन हस्तांतरण पर विचार करना था। समूचे बोर्ड ने इस प्रस्ताव को काफी सकारात्मकता के साथ देखा और सर्वसम्मति से महेशपुरा रोड पर स्थित पड़ती की जमीन न्याय विभाग को दिए जाने पर अपनी सहमति जताई लेकिन उसमें शर्त यह है कि राजस्व विभाग उतनी ही जमीन या तो पालिका सीमांतर्गत या फिर पालिका सीमा से सटे किसी गांव में पालिका को दे। बैठक में सभासदों ने अपने-अपने वार्डों में विकास कार्यों के तहत निर्माण, मरम्मत और सुंदरीकरण आदि के लगभग दो करोड़ के प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे जिन्हें मंजूरी दे दी गई। इस दौरान विजय अवस्थी, सफाई इस्पेक्टर हरिशंकर निरंजन, जीवन लाल, आरआई सुनील कुमार, लिपिक अशुतोष, जेई अरुण कुमार, सभासद अनिल वर्मा, अमित यादव, महेंद्र कुशवाहा, रघुवीर यादव, आजाद उद्दीन, नंदिनी कुशवाहा, रविकांत कुशवाहा, शमसुद्दीन मंसूरी, सीमा अहिरवार, विक्की दुवे, मनोज इकड़या, विनोद सोनी आदि रहे।
इंसेट में-
फोटो परिचय-ईओ मोनिका उमराव
पालिका को हस्तांतरण पर आपत्ति नहीं लेकिन उतनी ही भूमि अन्यत्र चाहिए
कोंच। ईओ मोनिका उमराव ने बताया कि उपजिलाधिकारी कार्यालय के पत्रांक संख्या 224/एसटी एसडीएम कोंच दिनांक 20 मई 2025 के द्वारा कस्बा कोंच में वाह्य न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन के नए न्यायालय भवन निर्माण के लिए मौजा कोंच बदनपुरा की गाटा संख्या 585 रकवा 2.395 हेक्टेयर खलिहान भूमि को श्रेणी परिवर्तन व विनिमय के माध्यम से जनपद न्यायालय को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। बोर्ड ने इस पर सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि राजस्व विभाग अथवा संबंधित सक्षम प्राधिकारी उचित समझें तो न्यायालय भवन की स्थापना के लिए उक्त भूमि का आवंटन कर दें, पालिका को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यदि उक्त भूमि आवंटित की जाती है तो नगरपालिका को उतनी ही भूमि नगरपालिका सीमा के अंदर या नगरपालिका से सटे हुए निकटवर्ती स्थानों पर उपलब्ध कराए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें