यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंचा लोगों की मुसीबतें बढी प्रशासन सतर्क व अनेक गांवों का सम्पर्क कालपी से टूटा
हरिश्चन्द्र दीक्षित बापू रिपोर्टर कालपी
कालपी(जालौन)। यमुना नदी की बाढ अब खतरनाक स्तर पर पहुँच रही है। बुधवार को जलस्तर खतरे के निशान के पास दर्ज किया गया जिससे नदी की तलहटी में बसे लोगों की परेशानी तो बढ ही रही साथ ही प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है और बाढ की सम्भावित स्थिति से निपटने के इंतजाम भी शुरू कर दिए हैं।
इस वर्ष जुलाई में राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में औसत से अधिक बरसात हो रही है जिसका असर क्षेत्र से गुजर रही यमुना और बेतवा के जलस्तर पर पडा है और इसी माह में इन नदियों मे कई बार बाढ जैसे हालात दिख चुके हैं और यमुना में तो जुलाई माह में जलस्तर चौथी बार बढा है हालाकि चेतावनी स्तर पर नही पहुँचा था लेकिन सोमवार से बढना शुरू हुई यह नदी इस बार रूकने का नाम नही ले रही है और दो दिनों मे चेतावनी स्तर को पार कर दिया है। केन्द्रीय जल आयोग के प्रभारी रूपेश कुमार के अनुसार बुधवार 1 बजे नदी का जलस्तर 107.68 दर्ज किया गया है और पानी बढने की रफ्तार भी 5 सेमी प्रतिघण्टा बनी हुई है जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि बुधवार देररात तक नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। जल आयोग के अनुसार अभी धौलपुर मे चम्बल का जलस्तर नीचे नही आया है जिससे निकट समय में यमुना के जलस्तर मे कमी आने की सम्भावना कम है।
बाढ की स्थिति देख प्रशासन हुआ सक्रिय
यमुना का जलस्तर जैसे जैसे खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है वैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों की धडकने बढने लगी है। आलम यह है कि बुधवार सुबह से ही एसडीएम मनोज कुमार सिंह व तहसीलदार अभिनव तिवारी तथा नायब तहसीलदार चन्द्रमोहन शुक्ला बाढग्रस्त क्षेत्रो का दौरा कर रहे हैं और इसी के चलते उन्होने मगरौल, रायढ दिवारा के अलावा गुढा खास एवं यमुना तलहटी क्षेत्र के अन्य गाँवो की स्थिति देख लोगों को सतर्क कर सम्भावित स्थिति से निपटने के उपाय शुरू कर दिए हैं।तथा एमएसवी इण्टर कालेज में बाढ़ नियंत्रण केन्द्र भी खोल दिया गया है।
नदी और बढी तो यमुना पटटी के अन्य गा़वो का भी कट सकता है सड़क सम्पर्क
बुधवार को यमुना का जलस्तर खतरनाक स्थिति मे पहुंच चुका है जिसके चलते रायढ दिवारा,पडरी का तो सड़क सम्पर्क दो दिन पहले ही खत्म हो गया था लेकिन नदी की रफ्तार थमी नही और पानी बाढ का पानी व्यास मन्दिर के पास सड़क पर आ गया है और बाढ थमी नही तो गुरूवार सुबह क्षेत्र के ग्राम देवकली, हीरापुर, कीरतपुर, मैनूपुर, गुढा खास शेखपुर गुढा का तहसील मुख्यालय से सड़क सम्पर्क टूट जाएगा।
नगर सीमा में भी दाखिल हुआ बाढ का पानी
यमुना की बाढ का असर ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित नही है बल्कि नगर में भी पानी दाखिल हो गया है आलम यह है कि बाढ का पानी नाला से होकर रामगँज के नाले में आ गया है। पानी और बढा तो काँशीराम कालौनी के बाशिन्दों की मुसीबत बढ जाएगी।
जुलाई माह में पहली बार इतना हुआ है यमुना का जलस्तर
वैसे तो क्षेत्र में यमुना का जलस्तर 113 तक पहुंच चुका है और तबाही भी खूब हुई है लेकिन ऐसा जुलाई माह में पहली बार हो रहा है कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुँचा हो जबकि ज्यादातर बाढ की स्थिति अगस्त और सितम्बर मे ही आती थी केन्द्रीय जल आयोग के आँकडो की माने तो विगत कई वर्षो से जुलाई मे यमुना मे वाढ नही आई है लेकिन इस बार अभी से नदी में उफान आ रहा है।
बाढ से दर्जनो गाँवो के किसानो की फसले हुई चौपट
बाढ का पानी भले ही अभी बस्तियो मे अधिक मात्रा में नही पहुँचा है लेकिन यमुना के बढे जलस्तर ने उनकी खरीफ की फसले चौपट कर दी है आलम यह है कि क्षेत्र के मौजा मगरौल,देवकली,शेखपुर बुल्दा, देवकली, हीरापुर, गुढा खास, शेखपुर गुढा,नरहान पडरी, नरहान, पडरी, उरकरा कला, निलहना, कुटरा, महेवा, पिपरौँधा, निवहना, गोरा कला तथा हथनौरा में हजारो की सँख्या में किसानो के तिल बाजरा, ज्वार आदि खरीफ की फसले स्वाहा हो गई है।
एमएसवी कालेज में राहत शिविर स्थापित
यमुना में बाढ की स्थिति देख प्रशासन ने उससे निपटने के उपाय शुरू कर दिए हैं जिसके लिए बाढ राहत केन्द्र सक्रिय कर दिए हैं। इसी के चलते वुधवार को नगर स्थित एम एस वी इण्टर कालेज मे बाढ राहत शिविर के साथ रसोई भी शुरू कर दी है।
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