निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पानी में ही डूबे गई इंटरलॉकिंग सड़क
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कोच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
* आठ महीने पहले ही बनवाई थी नगरपालिका ने 18 लाख की लागत वाली सड़क
* साइडों में बिना किसी नाली के बनी है बक्शेश्वर से काली मंदिर तक की इंटरलॉकिंग सड़क
कोंच। नगरपालिका द्वारा लगभग आठ महीने पहले बनवाई गई बक्शेश्वर से काली मंदिर तक की इंटरलॉकिंग सड़क लगातार सुर्खियों में बनी रहती है। कभी इसके ध्वस्त होने तो कभी पानी में डूबने की खबरें लगातार आम होती रहतीं हैं और एक तरह से आम जनता की खून-पसीने की कमाई का 18 लाख रुपया बंदरबांट का शिकार होकर रह गया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने इस इंटरलॉकिंग सड़क की पोल खोल कर रख दी है। इसे इंजीनियरिंग का ही कमाल कहा जाएगा कि पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई जिससे खेतों के पानी में यह सड़क पूरी तरह से डूब गई है और लोगों का आवागमन ठप्प हो गया है। नगरपालिका द्वारा बनवाई गई उक्त इंटरलॉकिंग सड़क बनने के बाद आठ महीने भी ढंग से नहीं चल सकी। अव्वल तो साइडों में सपोर्ट नहीं होने से इसका उखड़ना शुरू हो गया है। दूसरे, सड़क बनाते समय इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि पानी की निकासी के इंतजाम भी होने चाहिए क्योंकि जब बारिश में खेतों में पानी भरेगा तो पानी सीधा सड़क को डुबोएगा। वही हुआ जिसका अंदेशा था, पूरी सड़क पानी में डूबी हुई है और लोग निकल ही नहीं पा रहे हैं। बता दें कि इसके निर्माण पर पब्लिक की खून-पसीने की कमाई की 18 लाख की भारी-भरकम राशि खर्च की गई है जो पूरी तरह से पानी में डूबी दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि छह महीने पहले नियम कायदों को ताक पर रख कर बक्शेश्वर से काली मंदिर तक 430 मीटर लंबी व 5 मीटर चौड़ी इंटरलॉकिंग सड़क बनाई गई थी। उस सड़क के निर्माण की गुणवत्ता की पोल बहुत जल्द ही खुलकर सामने आ गई थी जब सड़क ध्वस्त होनी शुरू हो गई और इंटरलॉकिंग उखड़ने लगी थी।
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