सब्जी मंडी में अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों से दो-दो हाथ करते दिखे दुकानदार


कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
* बिना पुलिस फोर्स और सक्षम अधिकारियों के अभियान को लगा पलीता
* टांय-टांय फिस्स हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान, खानापूर्ति करते दिखे अधिकारी
कोंच। कस्बे में सोमवार को चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान टांय-टांय फिस्स होकर रह गया। बिना पूरी तैयारी के जब अभियान चलेगा तो उसकी भ्रूण हत्या तो होनी ही थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक जो अतिक्रमण हटाओ अभियान 26 जुलाई को शुरू होना था वह उस दिन मूसलाधार बारिश के चलते नहीं हो सका था। चूंकि अधिकारी अतिक्रमण हटाने की घोषणा तो कर ही चुके थे सो ले-देकर कुछ तो दिखाना था। सोमवार को बिना किसी तैयारी और सक्षम अधिकारियों के जब पालिका की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो उसे सब्जी मंडी में दुकानदारों के विरोध का सामना करना पड़ा। दुकानदार जब उग्र हुए तो ईओ ने एसडीएम को फोन मिलाया जिस पर नायब तहसीलदार शादुल्लाह खान को भेजा गया जिन्होंने समझा बुझाकर लोगों को शांत किया। सोमवार की दोपहर पालिका कर्मचारियों की पूरी टीम जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्रॉलियों और सफाई कर्मचारियों की भारी भरकम फौज लेकर अतिक्रमण हटाने निकले लेकिन इस फौज को सही से दिशा-निर्देश देने वाला कोई सक्षम अधिकारी नहीं था। सबसे बड़ी बात पुलिस फोर्स भी नहीं थी कि कहीं कुछ मजाहमत हो गई तो संभालेगा कौन। बहरहाल, छावला की पुलिया से अभियान की शुरुआत हुई। इक्का-दुक्का बैंचें हटाई भी गईं तो कर्मचारियों के आगे निकलते ही वह जहां की तहां फिक्स हो गईं। इसके बाद मेन रोड पर इक्का-दुक्का पटरी दुकानदारों का सामान हटवाया गया। स्टेट बैंक से बाजार की ओर मुड़ा अभियान जब सब्जी मंडी पहुंचा और टीन-टप्पर हटाने शुरू किए तो दुकानदार भड़क गए और अभद्रता पर आमादा हो गए। यह स्थिति देख ईओ मोनिका उमराव ने एसडीएम ज्योति को फोन लगा कर पूरी स्थिति से अवगत कराया तो एसडीएम ने नायब तहसीलदार शादुल्लाह खान को कमान सौंपी। नायब ने किसी तरह समझा-बुझाकर दुकानदारों को शांत कराया और एक बार फिर अभियान शुरू किया गया लेकिन तब तक पूरा मामला बेपटरी हो चुका था। इस तरह बिना किसी सटीक रणनीति के चलाया गया अभियान फ्लॉप हो गया।
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