अंतिम यात्रा पर भी सुकून नहीं, रास्ते में दलदल भरा होने के कारण श्मशान नहीं पहुंच सकी अर्थी

फोटो परिचय-श्मशान घाट जाने वाले रास्ते का निरीक्षण करते नायब तहसीलदार शादुल्लाह खान 

फोटो परिचय-कोंच महेशपुरा रोड पर जाम लगाए ग्रामीणों को समझाती पुलिस 

फोटो परिचय-कुदरा गांव में सड़क पर होती अंत्येष्टि 

कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीडी रिछारिया की रिपोर्ट
* खेतों के किनारे ग्रामीणों ने नहीं करने दिया अंतिम संस्कार, दो किमी दूर मेन रोड पर हुई अंत्येष्टि 
* व्यवस्था से खिन्न अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने लगा दिया जाम, प्रशासन ने समझा-बुझाकर खुलवाया 
कोंच। विकास की कितनी ही बातें कोई कर ले लेकिन जमीनी हकीकत से जब साबका पड़ता है तब इस तरह के दावों की पोल खुलकर सामने आ ही जाती है। बुधवार को दिवंगत हुए लालाराम राठौर को अंतिम यात्रा में भी सुकून नसीब नहीं हुआ। गांव के श्मशान को जाने वाला रास्ता कीचड़ और दलदल में इतनी बुरी तरह सना हुआ है कि वहां तक अंतिम यात्रा पहुंच ही नहीं सकी। दुःखी और परेशान परिजनों तथा नाते-रिश्तेदारों ने गांव के बाहर खेतों के पास सड़क किनारे अंत्येष्टि करनी चाही तो गांव वालों ने नहीं होने दी। मजबूरी में गांव से करीब दो किमी की दूर कोंच-महेशपुरा मेन रोड के किनारे दिवंगत लालाराम की अंत्येष्टि हो सकी। अंत्येष्टि के बाद व्यवस्था से खिन्न और आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दी जिससे आवागमन बाधित हो गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया, तब कहीं जाकर जाम खुल सका। 
मामले के मुताबिक कोंच विकास खंड के ग्राम कुदरा बुजुर्ग में 75 वर्षीय लालाराम राठौर पुत्र खचेरे का बीमारी के कारण मंगलवार की शाम निधन हो गया था। बुधवार को उनके परिजन, नातेदार और ग्रामीण गांव के श्मशान घाट पर अंत्येष्टि के लिए शव को ले जाने लगे लेकिन रास्ते में इतना जलभराव, कीचड़ और दलदल जमा है कि श्मशान घाट तक शव यात्रा पहुंच ही नहीं सकी। परिजनों ने गांव के बाहर खेतों के पास सड़क किनारे खुले में अंत्येष्टि करनी चाही लेकिन गांव वालों ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। परेशान और दुःखी परिजन शव को लेकर पैदल आगे बढ़ते गए और गांव से करीब दो किमी दूर कोंच-महेशपुरा मेन रोड पर पहुंच गए और सड़क किनारे शव की अंत्येष्टि की। उधर, अंत्येष्टि के बाद आक्रोशित परिजनों एवं ग्रामीणों ने मौके पर सड़क पर जाम लगा दिया जिससे थोड़ी देर के लिए आवागमन ठप्प पड़ गया। सूचना पर एसडीएम ज्योति सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार शादुल्लाह खान एवं कोतवाल विजय कुमार पांडे मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। दिवंगत लालाराम के पुत्र श्यामकरन तथा ग्रामीणों शिवकुमार, विनय, शीलू, मुन्ना, कौशल किशोर, भगवानदास, आशीष आदि का कहना है कि गांव में श्मशान घाट पूरी तरह से अव्यवस्थित है। बारिश के मौसम में यहां तक जाने के लिए पूरा रास्ता कीचड़ से भरा हुआ रहता है। श्मशान घाट की नियत जगह पर जलभराव रहता है जिससे अंत्येष्टि के लिए परेशान होना पड़ता है। ग्राम प्रधान का कहना है कि विकास कार्य के लिए शासन द्वारा जो धनराशि भेजी गई उस धनराशि से अधिकारियों के कहने पर परिषदीय विद्यालय की बाउंड्री बाल बनवा दी गई। नायब तहसीलदार शादुल्लाह खान ने गांव जाकर ग्रामीणों से बात की और श्मशान के रास्ते का निरीक्षण किया। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार......
इस पूरे मामले को लेकर बीडीओ कोंच गिरवर प्रसाद वर्मा का कहना है कि श्मशान घाट के लिए एक दो ग्राम पंचायतों के लिए पैसा आता है। जहां जहां पैसा आया है वहां श्मशान बनवाए जा रहे हैं लेकिन श्मशान घाट का रास्ता क्यों नहीं बना है इसके लिए सचिव व ग्राम प्रधान सहित संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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