'झूला झूलें जनक लली हो रामजी के संग'
कोंच से वरिष्ठ पत्रकार पीड़ी रिछारिया की रिपोर्ट
* सावन तीज पर मंदिरों में झूले पड़े, महिलाओं ने झूला गीत गाकर मनाया उत्सव
कोंच। सावन तीज जिसको हरियाली तीज भी कहते हैं, रविवार को सनातनी घरों और मंदिरों में पूरे श्रद्धा भाव से मनाई गई। मंदिरों में परंपरागत रूप में भगवान के श्रीविग्रहों को झूलों में पधरवाया गया। इसके साथ ही ऐतिहासिक रामलला मंदिर में पखवाड़े भर चलने वाले झूला महोत्सव का भी श्रीगणेश हो गया जिसमें सुगम और शास्त्रीय संगीत की जुगलबंदी का श्रोताओं ने आनंद उठाया। मंदिरों में महिलाओं ने झूला गीत और भजन गाकर भगवान को प्रसन्न करने का उपक्रम किया।
सावन तीज पर सनातनी परंपरा वाले घरों में भगवान के श्रीविग्रह हरीतिमा लपेटे और पुष्पाच्छादित झूलों में पधरवा कर उनकी आरती पूजा की गई। परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर भगवान का स्तवन किया। सायं वेला में नगर के विभिन्न मंदिरों में भी झूले पड़े। सीतानाथ मंदिर में झूले में अनुज लक्ष्मण और माता सीता के साथ विहार कर रहे सीतानाथ महाराज की अनुपम छटा देखते ही बन रही थी। रानी लक्ष्मीबाई के गुरुद्वारे रामलला मंदिर में भी रामलला सरकार को झूले में बैठाया गया, इसी के साथ यहां झूलनोत्सव शुरू हो गया है जो पूरे एक पखवाड़े तक जारी रहेगा। मंदिर के गद्दीधर महंत रघुनाथ दास की देखरेख में रामलला मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना कर सरकार की झांकी झूले में सजाई गई, महंत रघुनाथदास खुद भगवान रामलला को झूला झूला रहे थे। पुजारी जिन्हें पिछले दिनों मंदिर की महंती सौंपी गई, गोविंद दास और भक्तों ने रामलला सरकार को झुलाने का आनंद उठाया। पुजारी गोविंददास ने आरती उतारी। संगीतकारों ने शास्त्रीय और सुगम संगीत में भगवान के झूले और भजन गाए। धर्मादा रक्षिणी सभा द्वारा संचालित बल्दाऊ मंदिर और कल्याण राय मंदिर में झूला डाल कर महाराज के श्रीविग्रह बिठाए गए। धर्मादा अध्यक्ष विजय गुप्ता भोले, मंत्री विनोद दुवे लौना, पुजारी हनुमंत महाराज, रग्घू महाराज, अर्जुन आदि मौजूद रहे। राठौर समाज द्वारा संचालित अवधविहारी लालजी महाराज के मंदिर में भी भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की अनुपम छटा भक्तों का कल्याण करने वाली रही। स्वर्णकार समाज द्वारा संचालित मुरली मनोहर मंदिर में भी झूला उत्सव उत्साह के साथ मनाया गया।
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