यमुना नदी में अभी बाढ थमी नही आंकडा 112 मीटर पर पहुंचा बाढ की हालत देख प्रभावित क्षेत्र के लोग सामान लेकर पलायन कर रहे






फोटो- नगर व क्षेत्र में यमुना का घुसा पानी तथा विधायक राहत सामग्री का अवलोकन करते हुए

हरिश्चन्द्र दीक्षित बापू रिपोर्टर कालपी

कालपी जालौन। यमुना में बाढ अभी थमी नही है शुक्रवार दोपहर बाद नदी का आंकड़ा 111.85 दर्ज हुआ है जो देर शाम तक 2022 के जलस्तर के पास पहुंच सकता है। बाढ की हालत देख प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने अपने सामान के सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू कर दिया है। विदित हो कि 28 जुलाई को यमुना का जलस्तर जब बढना शुरू हुआ था तब नदी का जलस्तर लगभग 100 मीटर था हालाकि इससे पहले भी इसी माह में यह नदी तीन बार बढ चुकी थी लेकिन जलस्तर 105 के पार नही गया था जिसके चलते नदी की तलहटी में बसे लोगों और प्रशासन ने भी इसे ज्यादा गम्भीरता से नही लिया था लेकिन जैसे जैसे दिन गुजरते गये वैसे वैसे यमुना का रौद्र रूप सामने आता गया और बुधवार शाम को नदी के बढे जलस्तर ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था और गुरूवार शाम तक यमुना का पानी क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गाँवो तक जा पहुँचा था हालाकि लोगों को इसके थमने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नही हो सका और शुक्रवार को तो क्षेत्र के ग्राम मगरौल, पडरी, शेखपुर बुल्दा, रायढ दिवारा, देवकली, हीरापुर, मैनूपुर, गुढा खास, शेखपुर गुढा, नया पुरवा उरकरा कलां गांव का सड़क सम्पर्क पूरी तरह से खत्म हो गया है। एसडीएम मनोज कुमार सिंह के अनुसार जिन गाँवो के सड़क सम्पर्क टूट गये हैं वहां पर आकस्मिक आवागमन के लिए मोटर वोट अथवा नाव की व्यवस्था की गई है तथा जिन घरो में पानी भर गया है वह सभी सुरक्षित स्थानो पर चले गये तथा उनके खाने पीने का इंतजाम बाढ सहायता केन्द्र मे किया गया है।

बाढ से क्षेत्र के 36 गांव प्रभावित 4 गाँव पानी से घिरे 6 का सडक सम्पर्क टूटा

यमुना में आई बाढ से तहसील क्षेत्र की बडी आबादी प्रभावित हुई है। तहसीलदार अभिनव तिवारी  के अनुसार शेखपुर बुल्दा, पडरी, रायढ दिवारा व इकौना गांव पानी से पूरी तरह घिरे हुए तो उरकरा कला, देवकली, हीरापुर, मैनूपुर, गुढा खास तथा शेखपुर गुढा गांव का सड़क सम्पर्क टूट गया है। इसके अलावा कालपी, कुटरा, महेवा, निवहना, पिपरौधा, गोरा कला, हथनौरा सिकरी रहमानपुर, दहेलखण्ड, पाल, नरहान  सिमराशेखपुर, जीतामऊ,गुलौली, सहित 36 गांव के लोगों की फसले क्षतिग्रस्त हुई है।

बाढ प्रभावित क्षेत्रो से पलायन शुरू

विगत कई दिनों से बाढ में कमी आने की आस में बाढ प्रभावित क्षेत्र देवकली, गुढाखास, दहेलखण्ड, गुलौली, मगरौल, उरकराकला आदि गांवो मे घरों तक पानी पहुंच गया है। जिसके चलते शुक्रवार को क्षेत्र से पलायन की भी तस्वीरे सामने आई है जिसमे लोग नाव तथा पैदल सामान सुरक्षित पहुंचाने में लगे है।

नगर में भी घरो मे  घुसा बाढ का पानी, कई रास्ते भी हुए बन्द 

बाढ़ का कहर ग्रामीण क्षेत्र तक ही सीमित नही है बल्कि नगर के मुहल्ला तरीबुल्दा,काँशीराम कालौनी,रामगँज तथा पचपिण्डा  देवी रोड के साथ इलाहाबाद बैँक के सामने बस्ती मे भी घरो मे पानी पहुंच गया है जिसके चलते ज्यादातर लोगो को ऊपरी मंजिल पर शरण लेनी पडी है तो कुछ लोग मकान खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले गये हैं। तो सड़क पर पानी भरने से टरननगँज से पचपिण्डा देवी रोड पूरी तरह बन्द हो गया है और बाढ की रफ्तार अगर थमी नही तो और भी लोग बाढ की चपेट में आ सकते है। 


बाढ पीडितों प्रभावित क्षेत्र का क्षेत्रीय विधायक व एसडीएम ने किया दौरा

यमुना का जलस्तर खतरनाक स्थिति मे पहुँचते ही शासन और प्रशासन सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक विनोद चतुर्वेदी तथा एसडीएम मनोज कुमार सिंह ने मोटर बोट से बाढ की चपेट मे आए शेखपुर बुल्दा मे हालात का जायजा लिया इस दौरान उन्होनें प्रभावित को हौसला बनाए रखने की अपील कर कहा कि उनकी हर सम्भव मदद की जाएगी।

2022 के बिन्दु पर ठहर सकती है यमुना

यमुना में आई बाढ से बडी आबादी प्रभावित हुई है पर इस क्षेत्र के लिए यह जलस्तर कोई नया नही है नदी में आई अब तक की बाढ के रिकार्ड के अनुसार 1996 में इस नदी का जलस्तर 112.98 दर्ज हुआ था जो बाढ के इतिहास का सबसे बडा अँक है जबकि 2022 मे नदी का जलस्तर 112.8 था जबकि शुक्रवार को यह नदी 111.85 पर बह रही थी लेकिन केन्द्रीय जल आयोग के आँकडो की माने तो 2022 के आँकडे को पार करना सम्भव नही है क्योंकि ऊपर से पानी की आवक कम हो रही सम्भावना है कि देररात तक बाढ कम होना भी शुरू हो सकती है।

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