विकसित भारत के लिए कर्मयोग की मूल विचारधारा को समझना जरूरी: वेंकटेश्वरलू

0-प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वरलू ने "कर्मयोग" को बताया विकसित भारत का आधार जालौन। नगर के औरय्या रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में कर्मयोग संगोष्ठी को लेकर एक आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश शासन के समाज कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव एवं उपाम व SIRD के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वरलू मुख्य अतिथि के रुप में व जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने आदि मौजूद रहे। "कर्मयोग, अभ्युदय एवं विकसित भारत" विषय पर एक संगोष्ठी पर वेंकटेश्वरलू ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए कर्मयोग की मूल विचारधारा को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कर्मयोग केवल एक आध्यात्मिक दर्शन नहीं, बल्कि जीवन का व्यावहारिक मार्गदर्शन है, जो अभ्युदय यानी समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि कर्मयोग ऐसा माध्यम है, जिससे कर्म करते हुए भी ईश्वर की प्राप्ति संभव है। यह न केवल आत्मज्ञान को जागृत करता है, बल्कि युवाओं को अपने जीवन के उद्देश्यों को समझने में भी सहायता करता है। प्रमुख सचिव ने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि आने वा...